मेरे प्यारे दोस्तों को मेरी ब्लॉग स्वागत करती है | मुझे हिंदी थोडा बहुत आता है , इसलिए अगर कोई गलतिया निकले तो छोड़ देना यार | अब पढ़िए मेरी कहानी .......
हैदराबाद
२२-०७-२०१०
सुबह पांच बजे हो रहा था ...
सभी जने नींद से जागते वक़्त भगवान् या किसी अच्छे इनसान के तस्वीर देखते हुए या किसी भगवान् के नाम लेते हुए जागता है....लेकिन मुझे नींद से जगाने के लिए हर रोज दो चीस तैयार रहते है...जिसमे एक हमारे गाँव को आते समय हमारे पंडित जी के साइकिल बेल और दूसरी है मेरी माँ की गालिया ...हमारा गाँव का नाम है "कचरा घाट" | इस नाम के पीछे थोडा छोटी और पुरानी कहानी है |
हमारा गाँव कही अहमदाबाद या इलाहाबाद या मुन्नाभाई फिल्म की तरह शहर से दूर नहीं है | हमारा गाँव है-टेक सिटी से बहुत नज़दीक है | कचरा घाट...सच कहने से ये दिखने में कचरा जैसा ही रहता है | हम लोगो का हाल ऐसा है की जब तक इलेक्शन आये तब तक किसी राजनीतिक हमें देखते नहीं या कोई अफसर हमारा ख्याल रखते | चालीस घर ...दो सौ लोग रहते है इधर...एक ओर पहाड़...उसके ऊपर उपस्थित हुई कन्हय्या का मंदिर ... और दूसरी ओर से बढती हुई शहर.....और एक ही बस जो रोज में पांच बार दिखती है |
इस गाँव में दो तरह के लोग दिखाई देते है मुझे...पहला है जो कड़ी मेहनत करके...अपने जिंदगी गुज़ारते है...और दुसरे है भीख मांगने वाले... इस दो तरह के लोगो के बाच में मई हूँ तीसरी तरह की आदमी... जो पढने के लिए पचास किलोमीटर भागता हूँ हर दिन....मै इंजीनियरिंग तीसरी साल पढ़ रहा हूँ |
मेरा माँ का नाम है पूर्णम्मा और पिताजी मणी | मेरे पिताजी एक कनस्त्रुकशन कंपनी में काम करते थे लेकिन अचानक एक दिन ईट और पत्थर सर पे लगने से वही उनकी देहांत हो गयी थी..| वरना मेरी जिंदगी इतनी दुर्भर नहीं होती |
बचपन से मै सोचता था की बड़ा आदमी बन जाऊ और लोग मेरे आने वक़्त सलाम ठोके...लेकिन ये आशा तो अधूरी ही हो गया | मेरी इस जिंदगी में दो ही बाते पसंद है...
१. मेरी जिंदगी में ऊंचे मंजिले तय करने का विश्वास |
२. हर सुबह साडे साथ बजे को शुरू किया गया कालेज की सफ़र |
इस सफ़र मेरे जिंदगी में बहुत मुख्य स्थान है | क्यों की ये एक मिनट की आशा थी जो कभी पूरा हो सकती है...
वो फरवरी महीना थी...पते पेड़ो को छोड़कर जमीन को छु रहे है |
मुन्सिपलिटी वाले सड़क साफ़ कर रहे है...इसलिए वोह जगह धुल से जमा हुयी है...मैंने एक आवाज़ सुना था ...लेकिन होतो से नहीं....पैरो से....वोह थी एक लड़की की पैरो के निशाँ जो जमीन पर नाच रहे है...| वोह बहुत खूबसूरत लड़की थी... जो सफ़ेद शर्ट , काली वाली पांट पहनी थी...और कानो में ऐ- पोड है....
वोह मुझे पार करते ही गुलाबो की खुशबू मेरे नाक को छु रही थी...उसे देखते देखते चाव्त्वी साल भी पूरी हो गयी...|
यहाँ से मेरे जिंदगी में बहुत सारे बाते हुए जो मै कभी नहीं भूल सकता..एक विदेशी कम्पनी में मेरी नौकरी पक्की हुयी...और उसके बाद अमरी जाना पडा नौकरी के वास्ते...और वहाँ मास्टर डिग्री पूरा किया और ४ सालो में एक बड़ी मकान, २ चार, और मेरे साथ में मेरी माँ |
चार साल बाद फिर स्वदेस की याद आई...और युही चला आया मै भारत को....और बहुत साले बाद यहाँ आये...तो ऐसा लगा जैसे फूल खिला हुआ जैसा मेरे मन में भी गाने शुरू हो गए....
स्वदेस में मेरे उपाध्यायो , दोस्तो,और जाने पहचाने वालो को मिला था और नींद के वक़्त आते ही मेरे पैर मुझे मेरे कचरा घाट को लेकर चले गए....इधर कुछ नहीं बदला...मेरी झोपडी...वोही पुराना बिस्तर...और सारे...धुल से जमा हुए है....फिर अगले दिन....वही पंडित जी की वजह से मैंने नींद से जागा था...और पुरे साफ़ सफाई पूरी करने के बाद मै गया वही बस स्टॉप को....साडे साथ तो बजी लेकिन वोह लड़की दिखाई नहीं दी....उसी के इंतज़ार में दो पहर तक वही बस स्टॉप में बिताया .. लेकिन उसकी नज़र तक नहीं मिली...
जिंदगी एक ऐसी चीस होती है जो किसी को भी एक ही बार देती है...और अगर उसे पाने की कोशिश ना करने से सब कुछ सूना पद जाता है |
मेरे ज़िन्दगी में सब कुछ सुविधाए पाया..लेकिन मेरी पहली ख़ुशी को हासिल कर नहीं पाया | लेकिन कोई भी हमारे इंतज़ार नहीं करते है...ना वोह बस...ना समय...ना वोह लड़की ...कोई नहीं बदलते... इसलिए मेरे भावनाओं को मेरे मन में ही दबाके रखते हुए मेरा "सफ़र" को वहीं फिर से शुरू किया |
Starting with just a single word.. 'WOW'.. you'll laugh to know that i read the first half of the story keeping you in my mind as him..then i felt that its a virtual character..lol.. Seriously i didnt have an idea that you are that much good in it..and abt the Grammar, Chal leave it buddy(no complains untill the story is gud..he he..) It is such a wonder full thing to follow.. waitin for the further Add ons to this story.. one more thing before putting the full stop 'जिंदगी एक ऐसी चीस होती है जो किसी को भी एक ही बार देती है...और अगर उसे पाने की कोशिश ना करने से सब कुछ सूना पद जाता है ' was a relly gud line in the story, add more of such kind..Finally gr8 job keep it up..:)
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